श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर ढोढर पर महाशिवरात्रि का भव्य पर्व

ढोढर, मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में स्थित एक छोटा सा गाँव है, जो अपने प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के दो प्रमुख मंदिर हैं: श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर और श्री संकटेश्वर महादेव मंदिर। इनमें से श्री संकटेश्वर महादेव मंदिर शिवरात्रि के दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है।

श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर ढोढर पर महाशिवरात्रि का भव्य पर्व
श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर ढोढर पर महाशिवरात्रि का भव्य पर्व

शिवरात्रि का महत्व

शिवरात्रि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान शिव की आराधना के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं, और रात भर जागरण करते हैं। ढोढर में भी शिवरात्रि के दौरान यही परंपरा निभाई जाती है।

ढोढर में शिवरात्रि की तैयारियाँ

ढोढर में शिवरात्रि की तैयारियाँ कई दिनों पहले से शुरू हो जाती हैं। श्री संकटेश्वर महादेव मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है। मंदिर के चारों ओर दीपों की रोशनी से जगमगाहट होती है। लोग अपने घरों से फल, फूल, और प्रसाद लेकर मंदिर आते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं।

ढोढर में शिवरात्रि: एक आध्यात्मिक यात्रा (dhodhar main ek aadhyatmik yatra)
ढोढर में शिवरात्रि: एक आध्यात्मिक यात्रा (dhodhar main ek aadhyatmik yatra)

शिवरात्रि की रात्रि

शिवरात्रि की रात्रि ढोढर में बहुत ही खास होती है। लोग रात भर जागरण करते हैं और भगवान शिव की भक्ति में लीन रहते हैं। मंदिर में पूरी रात भजन-कीर्तन चलते रहते हैं। लोग “ओम नमः शिवाय” का जाप करते हुए अपने मन को शांति की ओर ले जाते हैं।

ढोढर में महाशिवरात्रि का आयोजन

प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर और श्री संकटेश्वर महादेव मंदिर ढोढर पर महाशिवरात्रि का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। यह दो दिवसीय पर्व है, जिसमें 26 फरवरी को सुबह 8 बजे महादेव का भव्य अभिषेक किया जाएगा और अभिषेक के बाद महादेव की आरती की जाएगी। इसके बाद अखंड रामायण का महा पाठ शुरू होगा, जो 27 फरवरी की सुबह तक चलेगा। तत्पश्चात महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा।

ढोढर में शिवरात्रि: एक आध्यात्मिक यात्रा (dhodhar main ek aadhyatmik yatra)
ढोढर में शिवरात्रि: एक आध्यात्मिक यात्रा (dhodhar main ek aadhyatmik yatra)

ढोढर की सांस्कृतिक धरोहर

ढोढर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यहाँ के लोगों की मेहनत और सामाजिक एकता शिवरात्रि के दौरान और भी स्पष्ट होती है। लोग मिलकर त्योहार को मनाते हैं और एक दूसरे के साथ प्रेम और सहयोग का प्रदर्शन करते हैं।

ढोढर में शिवरात्रि एक ऐसा त्योहार है जो न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित करता है। यहाँ के लोगों की भक्ति और समर्पण को देखकर लगता है कि यह त्योहार वास्तव में एक आध्यात्मिक यात्रा है, जो हमें अपने अंदर की शांति और ज्ञान की ओर ले जाती है। अगर आप कभी ढोढर जाने का मौका पाएं, तो शिवरात्रि के दौरान जरूर जाएं और इस अद्वितीय अनुभव का हिस्सा बनें।

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